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Showing posts from May, 2021

पत्रकारिता का गिरता स्वरूप, खो रहीं है पत्रकारिता की मूल भावना !

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लेखक: भगाराम पंवार, संवाददाता, दैनिक जलते दीप बालोतरा Email:-brpanwar123@gmail.com पहले समाचार या विचार अखबारों में पढ़े जाते थे, फिर समाचार आकाश से आकाशवाणी के रूप में लोगों के कानों तक पहुंचने लगे। बाद में टेलिविजन का जमाना आया तो लोग समाचारों और अपनी रुचि के विचारों को सुनने के साथ ही सजीव देखने भी लगे। इन इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की बदौलत अशिक्षित लोग भी देश-दुनिया के हाल स्वयं जानने लगे। टेलीविजन का युग आने तक आप इन सभी माध्यमों से अपने घर या दफ्तर में बैठ कर दुनिया के समाचार जान लेते थे। लेकिन सूचना महाक्रांति के इस दौर में अब सारी दुनिया आपकी जेब में आ गई है। आप कहीं भी हों, आपके जेब में पड़ा मोबाइल न केवल आपको अपने परिजनों और चाहने वालों से सम्पर्क बनाए रखता है, अपितु आपको दुनिया का पल-पल का हाल बता देता है। लेकिन वास्तविक मीडिया और सोशल मीडिया में ऐसी सूचनाओं का बहुत अधिक फर्क है। सोशल मीडिया पर पाठकों को परोसा गया कंटेंट आधा सच होता है और आधा झूठ। यह समाज और लोकतंत्र के लिए घातक है।  जिसकी जेब में मोबाइल वहीं पत्रकार सोशल मीडिया के इस युग में तो हर आदमी खबर नवीस की भूमिका अदा कर

मैं महामारी से कैसे बचूँ ?

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  *मैं महामारी से कैसे बचूँ? "* यह सवाल एड्स की अवधि के दौरान लगभग 40 साल पहले एक महात्मा  से पूछा गया था! ′ तब महात्मा ने कहा आप गलत प्रश्न पूछ रहे हैं  *सही प्रश्न होना चाहिए: * महामारी (महामारी) के कारण मरने के डर से कैसे बचें? "* "क्योंकि वायरस से बचना बहुत आसान है, पर आप के और दुनिया के डर से बचना बहुत मुश्किल है। महामारी की तुलना में लोग इस भय से अधिक मरेंगे।  इस दुनिया में कोई वायरस नहीं है जो डर की तुलना में अधिक खतरनाक है। इस डर को समझें, अन्यथा आपके शरीर के मरने से पहले ही आप मृत शरीर बन जाएंगे। इसका वायरस से कोई लेना-देना नहीं है। इन पलों में जो डरावना माहौल आपको लगता है, वह सामूहिक पागलपन है ... ऐसा हजार बार हुआ है और आगे भी होता रहेगा और यह जारी रहेगा । यदि आप भीड़ और भय के मनोविज्ञान को नहीं समझते हैं। आप अपने आप को डर से बेखबर रखते होगे पर  ये सामूहिक पागलपन के क्षण में, आपकी चेतना पूरी तरह से खो सकती है। आपको यह भी पता नहीं चलेगा कि आपने अपना डर से नियंत्रण ​​कब खो दिया। फिर डर आपको कुछ भी कर सकता है। ऐसी स्थिति में आप अपनी जान या दूसरों की जान भी ले सकते